नई दिल्ली/मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के अपने पद से इस्तीफा के बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया है। लंबे समय से चल रहे जातीय संघर्ष और प्रशासनिक अस्थिरता के बीच यह फैसला लिया गया। राज्य में मई 2023 से मैतेई और कुकी समुदायों के बीच जारी हिंसा में अब तक 250 से अधिक लोगों की जान जा चुकी हैबीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद नए मुख्यमंत्री के नाम को लेकर कोई सहमति नहीं बन पाई, जिससे राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की अटकलें तेज हो गई थीं। आखिरकार, संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत राज्य की कमान केंद्र सरकार के हाथों में चली गई।सूत्रों के अनुसार, बीरेन सिंह ने इस्तीफा देने से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि बीजेपी नेतृत्व ने नए मुख्यमंत्री के चयन की कोशिश की, लेकिन पार्टी के भीतर आम सहमति नहीं बन सकी। पूर्वोत्तर मामलों के प्रभारी संबित पात्रा के हालिया मणिपुर दौरे के दौरान भी इस पर गहन चर्चा हुई थी।मणिपुर में बीते डेढ़ साल से हिंसा और अस्थिरता का माहौल बना हुआ था। जातीय टकराव, प्रशासनिक नाकामी और कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति के कारण केंद्र सरकार पर राष्ट्रपति शासन लगाने का दबाव बढ़ता जा रहा था।
मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू,