पूर्वजों की संकल्पित भूमि पर मंदिर निर्माण की मांग
स्थानीय नागरिकों के अनुसार, सरकारी भूमि (खसरा नंबर 133/1) पर वर्ष 1995 में रुद्र महायज्ञ का आयोजन किया गया था, जिसके उपरांत वहां यज्ञशाला का निर्माण किया गया था। उस समय के तत्कालीन विधायक माननीय लल्लू सिंह जी उक्त यज्ञ शाला की भूमि में रामजानकी मंदिर का भूमिपूजन कर रैन बसेरा का निर्माण भी कराया गया था समय के साथ देखभाल के अभाव में यज्ञशाला क्षीण हो गई। अब श्रद्धालु चाहते हैं कि पूर्वजों द्वारा संकल्पित इस पवित्र भूमि पर रामजानकी मंदिर का निर्माण किया जाए, जिससे यह धार्मिक स्थल आगामी पीढ़ियों के लिए एक सांस्कृतिक धरोहर के रूप में संरक्षित रह सके।
श्रद्धालुओं और जनप्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी
इस ज्ञापन को सौंपने में नगर परिषद के 14 पार्षदों की सहमति पत्र और स्थानीय नागरिकों की महत्वपूर्ण भूमिका रही। ज्ञापन सौंपने वालों में जगदीश मिश्र, अवनीश मिश्रा, सूरज मिश्रा, रामनारायण मिश्र, विमला पांडेय, पार्षद पवन चीनी, राजेश मिश्रा, संदीप पूरी, विजय प्रकाश मिश्र, प्रदीप मिश्रा, ध्रुव नारायण गुप्ता, प्रह्लाद महारा, विवेक पांडेय, राजेश मिश्रा,सुभाष मिश्रा अरुण तिवारी सहित कई गणमान्य स्थानीय श्रद्धालु एवं मातृशक्तियां मौजूद रहीं
शीघ्र भूमि आवंटन और मंदिर निर्माण की अपील
ज्ञापन में नगर परिषद से शीघ्र भूमि आवंटन कर मंदिर निर्माण कार्य प्रारंभ करने का अनुरोध किया गया। वरिष्ठ नागरिक अवनीश मिश्रा ने कहा कि यह मंदिर धार्मिक आस्था का केंद्र बनेगा और क्षेत्र में आध्यात्मिक जागरूकता को बढ़ावा देगा। पार्षद पवन चीनी का मानना है कि यदि स्थानीय प्रशासन शीघ्र निर्णय लेता है, तो यह मंदिर क्षेत्र की धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक विरासत को सुदृढ़ करने में अहम भूमिका निभाएगा। उन्होंने नगर परिषद से आग्रह किया कि जल्द से जल्द भूमि आवंटन कर मंदिर निर्माण की प्रक्रिया शुरू की जाए।