ग्रीष्मकालीन अवकाश में दिया जा रहा है प्रशिक्षण


अनूपपुर । प्रदेश भर में ग्रीष्मकालीन अवकाश के अवसर पर केवल शहडोल संभाग के शिक्षकों को मोटिवेशनल ट्रेनिंग के नाम पर परेशान किया जा रहा है।प्रशिक्षण में शिक्षकों को जिला बदर की सजा दी गई है। प्रशिक्षण में जहां अनूपपुर जिले के विकासखंड कोतमा, अनूपपुर, जैतहरी एवं पुष्पराजगढ़ के अधिकांश शिक्षकों को जिला शहडोल एवं उमरिया में प्रशिक्षण लेने हेतु आदेशित किया गया है। वहीं शहडोल जिले में सोहागपुर विकासखंड के शिक्षकों को बुढार बुढार के शिक्षकों को जैतपुर के लिए आदेश प्रसारित किया गया है।

ग्रीष्मकालीन अवकाश में कार्य करने पर शिक्षकों को मिलता है अर्जित अवकाश

 इस प्रशिक्षण में शिक्षकों को अर्जित अवकाश भी प्रदान नहीं किया जाएगा इस तरह का कोई आदेश नहीं है जिससे शिक्षक अपनी सेवा पुस्तक में अर्जित अवकाश की पात्रता को दर्ज कर सकें। बिना ही अर्जित अवकाश की पात्रता दिए किया जा रहा है प्रशिक्षण

समुचित व्यवस्था के बावजूद जिले को किया जा रहा है बदनाम

 अनूपपुर जिले में प्रशिक्षण हेतु पूरी व्यवस्था उपलब्ध है किंतु प्रशासनिक अधिकारियों के हिटलर शाही आदेश के कारण इस भीषण गर्मी में जिले के अधिकांश शिक्षक परेशान हो रहे हैं।

एनजीओ से साथ गांठ

मोटीवेशनल ट्रेनिंग "पिरामल फाउंडेशन" नामक एन जी ओ कराया जा रहा है। पूर्व में भी इसी एनजीओ के द्वारा विकासखंड अनूपपुर के बदरा मुख्यालय में प्रशिक्षण कराया गया था जिसका कोई सार्थक परिणाम हाथ नहीं लगा।आवासीय प्रशिक्षण की उपादेयता सिद्ध करने के लिए पुष्पराजगढ़ के शिक्षकों को उमरिया, शहडोल के शिक्षकों को बुढार, बुढार के शिक्षकों को जैतपुर भेजा जा रहा है। यह सभी को पता है की रात में कोई नहीं रुकता है अतः आवास एवं भोजन के ऊपर व्यय होने वाले राशि के बचत का बंदरबांट सरेआम किया जाएगा।

छः माह पूर्व नियुक्त शिक्षक मास्टर ट्रेनर्स बनाये गए हैं।  जिले में अनुभवी एवं वरिष्ठ शिक्षक उपलब्ध होने के बावजूद भी नवनियुक्त शिक्षकों को मास्टर ट्रेनर के रूप में नियुक्त किया गया है इससे प्रशिक्षण कितना सफल होगा यह विचारणीय प्रश्न है।

बजट के बंदरबांट में सब शुतुरमुर्ग बने हैं।सबकी हिस्सेदारी तय है।

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