विनोद पांडेय :-
दुनिया के भिन्न-भिन्न भागों में जनवरी माह का प्रथम दिवस नववर्ष के शुभारम्भ के रूप में मनाया जाता है।नववर्ष आज पूरे विश्व में एक समृद्धशाली पर्व का रूप अख्तियार कर चुका है। हर नव वर्ष हमारे लिए नए संकल्प के मौके लाता है वहीँ पिछले बीते साल की समीक्षा कर नए वर्ष में कुछ नया करने का जोश भरता है,इस पर्व पर पूजा-अर्चना के अलावा उल्लास और उमंग से भरकर परिजनों व मित्रों से मुलाकात कर उन्हें बधाई देने की परम्परा दुनिया भर में है,और इसी उल्लास के बीच ही यही समय होता है जब हम जीवन में सामाजिक बुराइयों को दूर करने और मानवता की राह में कुछ अच्छे कदम बढाने का दृढ़ संकल्प लेते है ,हम उन सभी अनुभव को एक बार जरूर याद करे चाहे वे कितने भी बुरे या अच्छे रहे हों। उनसे क्या सीखा या क्या आपने परिपक्वता हासिल की ? आख़िकार जैसे तैसे करोना जैसे वैश्विक महामारी लेकर आने वाला साल 2020 बीत ही गया,जिसने हमारे जीवन में दुःख दर्द देने के वावजूद भी जीवन का सही मूल्य समझाया, आपदा के बीच अवसर की तलाश किस तरीके से की जाती यह सीखा कर गया उतार चढ़ाव से भरे इस साल ने हमारे जीने का तरीक़ा के साथ दुनिया को देखने का नया नज़रिया दिया। हम यह कह सकते है की इस साल ने जितना हमे दिया शायद उससे बहुत ज़्यादा हमसे छीन लिया । देश की एक से बढ़कर एक राजनीति और मनोरंजन की दुनिया के सितारे इस दुनिया को अलविदा कह गए। अगर भारतीय अर्थव्यवस्था की बात करे तो 2020 से पहले से मरणासन्न स्थिति में पहुँचा इकॉनमी को कोरोना और लॉकडाउन ने ध्वस्त कर रख दिया जिसके कारण पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा भारत की अर्थव्यवस्था को ही नुकसान पंहुचा।वैश्विक महामारी के चलते पावंदियों के कारण याद रखा जाने वाला यह साल राजनैतिक उठापटक के लिए भी हमेशा याद रखा जायेगा जो इस साल की सबसे बड़ी सियासी घटना रही जिसमे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राहुल गांधी के करीबी ज्योतिरादित्य सिंधिया का अपनी पार्टी से मोहभंग हुआ ।और मप्र के शीर्ष नेताओ के नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए उन्होंने 10 मार्च को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया, और 22 कांग्रेसी विधायकों के साथ बीजेपी में शामिल हो गये और कमलनाथ सरकार गिर गई।मप्र में फिर उप चुनाव हुए और शिवराज सिंह चौहान एमपी के फिर मुख्यमंत्री बने साथ ही उपचुनावों में बीजेपी ने 19 सीटे जीतकर शिवराज सरकार को बहुमत दिला दिया। बीजेपी ने सिंधियाजी को राज्यसभा भेजकर और उनके साथी विधायकों को मंत्रिमंडल में जगह देकर अहसान चुकाया। बहरहाल बीते हुए वर्ष ने देश और दुनिया को कई दर्द और बुरी यादें दी हैं। दर्द, दुख-तकलीफ और परेशानियों को कोई याद नहीं रखना चाहता,लेकिन साल का अंत निकट आते-आते वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस से बचाव की वैक्सीन खोज ली है कई देशों में कोरोना वैक्सीन का टीकाकरण शुरू हो चुका है,भारत में आज सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा बनाई जा रही कोविशील्ड वैक्सीन के आपात इस्तेमाल को मंजूरी दे दी गई है। सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी की बैठक में यह फैसला लिया गया। ऑक्सफोर्ड-एस्ट्रेजेनेका की इस वैक्सीन को भारत में सीरम इंस्टीट्यूट तैयार कर रहा है। इसके अलावा आर्थिक, राजनीतिक और स्वास्थ्य क्षेत्र के अलावा कृषि, शिक्षा, रोजगार, पर्यावरण और मंहगाई आदि अनेक मोर्चों पर चूनौतियां बरकरार हैं।वावजूद इसके अन्य मोर्चों पर अच्छी खबरें भी लगातार सामने आ रही हैं, जो देश और देशवासियों का उत्साह बढ़ाती हैं। लेकिन जिस तरह का हौसला, साहस, धैर्य, संयम और जीवन जीने की इच्छा शक्ति का परिचय देशवासियों ने कोरोना काल में दिया है, वो ये उम्मीद जगाता है कि देश और देशवासियों का भविष्य उज्जवल है।आइये हम सब नई ऊर्जा के साथ उमंग से करे नवबर्ष का स्वागत करे।