रेत उत्खनन पर एनजीटी द्वारा लगाई गई रोक,हटाई गई


भोपाल। प्रदेश में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा रेत उत्खनन पर लगाई रोक हटा ली गई है।मध्य प्रदेश में  रेत खनन हेतु जिन समूहो को 38 जिलो में   से कुछ जिलो में ग्राम पंचायतो  की रेत खदान की पर्यावरण स्वीकृति को  अपने नाम से अनापत्ति प्रमाण पत्र अंतरित कर   खनन शुरू करने के आदेश को  एनजीटी की मुख्यपीठ   ने 3 मार्च 2020 एवं 11 मई  2020 के आदेश से रेत खनन पर  रोक लगाई थी जिसके कारण  रेत खनन बन्द हो गया था ।  ठेकेदारो द्वारा पंचायतो की पर्यावरण स्वीकृति अपने नाम ट्रांसफर कराने के आदेश पर  रोक लगाई   जाने के बाद भी कुछ ठेकेदार  बिना अनुबंध किये ही रेत खनन कर रहे थे ।उल्लेखनीय है की   नये  ठेके लेने बाले समूह ठेकेदारो ने नवीन पर्यावरण  स्वीकृत न लेकर   एनजीटी  की जिन ईसी को अपने नाम से पंचायतो की अनापत्ति लेकर रेत खनन शुरू किया था जिस पर  लगाई रोक की सोमवार को एनजीटी बैंच ने मामले पर सुनवाई करते हुए प्रदेश सरकार को बड़ी राहत दी है। मामला रेत खनन को लेकर पर्यावरण स्वीकृति का था। दरअसल, याचिका में बताया गया था कि बीते साल टेंडरों के आधार पर रेत का खनन किया जा रहा है। जबकि इन्हें नई पर्यावरण स्वीकृति लेनी चाहिए। याचिका में तय अवधि में निर्धारित मात्रा से अधिक खनन का दावा किया गया था। इस पर एनजीटी ने बीते 3 मार्च को रेत खनन पर रोक लगा दी थी। इस पर सरकारी अधिवक्ता ने तर्क दिया कि पर्यावरण स्वीकृति के हस्तांतरण का भी नियम है। जो बात याचिकाकर्ता ने बैंच को नहीं बताई। इसके बाद खनन संबंधित नियमों का खाका भी एनजीटी में प्रस्तुत किया गया।


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