बुधवार को हो सकता है मंत्री मंडल का विस्तार क्युकी बुधवार को देवशयनी एकादशी है इसके बाद शुभ काम 5 महीने के लिए अटक जाएंगे।
भोपाल /मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल के बहु प्रतीक्षित दूसरे विस्तार पर अब भी पेंच फंसा हुआ है और नेताओं के बीच सहमति न बनने से शपथ ग्रहण की तारीख तय नहीं हो पा रही है। दो दिन तक दिल्ली में रहने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंगलवार केा भोपाल लौट आए है। मुख्यमंत्री चौहान और प्रदेश संगठन के दोनों प्रमुख पदाधिकारी अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा और प्रदेश महामंत्री संगठन सुहास भगत के साथ रविवार को राज्य सरकार के विमान से दिल्ली गए थे और संभावना इस बात की जताई जा रही थी कि मंत्रिमंडल का दूसरा विस्तार मंगलवार या बुधवार हेा सकता है। चौहान की दिल्ली में पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के अलावा हाल ही में भाजपा में आए नवनिर्वाचित राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया से भी मुलाकात हुई।
मौसम की तरह अचानक बदला सियासी घटनाक्रम
30 तारीख को होने वाले मंत्री मंडल विस्तार में पिछले दो दिन मे मप्र का सियासी घटना क्रम लगातार बदलता नजर आ रहा हैं पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंत्री मंडल बिस्तार की लिस्ट लेकर दिल्ली पहुंचे फिर पार्टी ने मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा को दिल्ली बुला लिया। इसके बाद से ही ये कयास लगाए जा रहे हैं कि प्रदेश की सियासत में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। उधर, राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया का भोपाल दौरा रद हो गया है। वे आज सुबह भोपाल आने वाले थे।
संगठन और सरकार में फंसा पेच
सूत्रों की मानें तो शिवराज की ओर से प्रस्तावित मंत्रिमंडल की सूची को भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने रिजेक्ट कर दिया है संगठन का मानना यह है कि शिवराज के पिछले कार्यकालों में मंत्री रहे वरिष्ठ नेताओं की जगह नए चेहरों को मौका मिलना चाहिए, लेकिन अगर एसा होता है तो कई वरिष्ठ भाजपा नेताओ के नाम मंत्री पद से काटे जा सकते हैं । संगठन यह भी चाहता है कि एक-दो लोगों को रोककर उन्हें उपचुनाव के बाद मंत्री बनाया जाए।