सुमिता शर्मा:-
अनूपपुर कोल इंडिया लिमिटेड की सबसे बड़ी कोयला उत्पादन करने वाली कंपनी एसईसीएल है। एसईसीएल का हसदेव क्षेत्र छत्तीसगढ़ एवं मध्यप्रदेश के बॉर्डर पर है और दोनों ही राज्यों की सीमा में है। हसदेव क्षेत्र की ज्यादा कोयला खदाने बहेराबांध, बिजुरी, कपिलधारा, कुरजा, राजनगर ओसी, राजनगर आर.ओ., झिरिया यूजी, मध्यप्रदेश राज्य में हैं एवं वेस्ट जेकेडी तथा हल्दीबाड़ी खदान छत्तीसगढ़ राज्य में हैै। हसदेव क्षेत्र का केंद्रीय चिकित्सालय छत्तीसगढ़ के अंदर मनेंद्रगढ़ में है तथा महाप्रबंधक कार्यालय भी छत्तीसगढ़ के अंदर नई लेदरी, साउथ झगराखांड में है। जिस कारण क्षेत्र के जो कर्मचारी मध्यप्रदेश के अंदर निवासरत हैं उन्हें विभागीय कार्यों से महाप्रबंधक कार्यालय एवं इलाज कराने के लिए निरंतर केंद्रीय चिकित्सालय मनेंद्रगढ़ आमाखेरवा जाना पड़ता है। इसी प्रकार हसदेव क्षेत्र के जो खदाने मध्यप्रदेश राज्य में हैं यहां भी छत्तीसगढ़ के लेदरी, मनेंद्रगढ़, खोंगापानी, यहां तक कि चिरमिरी के भी कई निवासी हैं जो कार्यरत हैं और प्रतिदिन ड्यूटी करने मध्यप्रदेश सीमा में आते हैं।
देश में लॉक डाउन घोषित होने के बाद छत्तीसगढ़ एवं मध्यप्रदेश राज्य के बॉर्डर घुटरी टोला पर छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा बैरियर लगाया गया है। इसी घुटरी टोला के बेरियर पर विगत 12मई 2020 को एक मरीज जो कि मध्यप्रदेश से केंद्रीय चिकित्सालय मनेंद्रगढ़ आमाखेरवा इलाज के लिए जा रहा था उसे ई पास होने के बावजूद घुटरी टोला बॉर्डर के अंदर जाने नहीं दिया गया और काफी समय तक उसे घुटरी टोला बॉर्डर पर रोका गया जिस वजह से उसकी मृत्यु घुटरी टोला पर हो गई। इस घटना के बाद जिला प्रशासन अनूपपुर एवं जिला प्रशासन कोरिया के बीच वार्ता हुई जिसके बाद निर्णय लिया गया कि इलाज के लिए मनेंद्रगढ़ जाने वाले व्यक्तियों को एवं ड्यूटी आने जाने वाले कर्मचारियों को बॉर्डर पर नहीं रोका जाएगा। इस घटना के बाद कुछ ही दिनों तक सब कुछ ठीक रहा लेकिन अब पुनः मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ एवं छत्तीसगढ़ से मध्यप्रदेश ड्यूटी आने जाने वाले कर्मचारियों को घुटरी टोला बॉर्डर पर रोका जा रहा है, उन्हें वापस किया जा रहा है। दिनांक 28 मई को जिला प्रशासन कोरिया एवं हसदेव प्रबंधन के बीच बैठक हुई जिसमें जिला प्रशासन कोरिया के द्वारा स्पष्ट रूप से कहा गया है कि किसी भी व्यक्ति को मोटरसाइकिल से बॉर्डर पार नहीं करने दिया जाएगा, जो भी ड्यूटी जाएंगे उन्हें प्रबंधन बस की सुविधा मुहैया कराए और इलाज के लिए भी कोई भी अपने निजी वाहन से नहीं जा सकेगा सिर्फ एंबुलेंस से ही आने जाने की अनुमति रहेगी। अब सवाल यह उठता है कि हसदेव क्षेत्र बहुत बड़ा क्षेत्र है, कुल मैनपावर लगभग 6500 से 7000 के आसपास है। हसदेव प्रबंधन के पास कितने एंबुलेंस हैं जिन्हें वह हर इलाज कराने वाले व्यक्ति को उपलब्ध करा पाएगा। केंद्रीय चिकित्सालय मनेंद्रगढ़ हसदेव क्षेत्र का मुख्य चिकित्सालय है जहां इलाज कराने के लिए प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोग आते हैं, ऐसी स्थिति में क्या सभी लोगों को एंबुलेंस उपलब्ध कराना संभव हो पाएगा? हसदेव क्षेत्र के अंदर कई खदानें हैं और खदानों में कई शिप्टों में काम होता है। हसदेव प्रबंधन के पास कितनी बसें है? जिसे प्रबंधन सभी शिफ्टों में और सभी खदानों में काम करने वाले कर्मचारियों को उपलब्ध करा पाएगा?
कोल इंडिया आवश्यक सेवाओं में आता है जिसे केंद्र सरकार द्वारा ही छूट प्रदान की गई है और इसी वजह से कोल इंडिया की सभी खदानों में कोयला उत्पादन का कार्य निरंतर जारी है। इसी कारण एसईसीएल के भी सभी कर्मचारी प्रतिदिन अपनी जान जोखिम में डालकर कोयला उत्पादन के कार्य में लगे हुए हैं। जब कर्मचारी ड्यूटी जाने के लिए घुटरी टोला बैरियर पर पहुंचता है तो उसे पुलिस विभाग के द्वारा विभिन्न कारण बताकर वापस कर दिया जाता है, कार्य पर नहीं जाने दिया जाता है और नहीं प्रबंधन द्वारा उसे उस दिन का भुगतान किया जाता है ऐसी स्थिति में कर्मचारियों के पास रास्ता क्या है?
अब सवाल यह उठता है कि जिला प्रशासन कोरिया के द्वारा घुटरी टोला बैरियर पर पुलिस विभाग के कर्मचारियों को इसलिए लगाया गया है कि इलाज के लिए केंद्रीय चिकित्सालय मनेंद्रगढ़ या ड्यूटी आने जाने वाले एसईसीएल के कर्मचारियों को रोकें, जिनके पास एसईसीएल का परिचय पत्र है या अनाधिकृत रूप से राज्य की सीमा में प्रवेश करने वाले लोगों पर अंकुश लगाने के लिए बेरियर लगाया गया है? ऐसी जानकारी प्राप्त हुई है कि एसडीएम मनेंद्रगढ़ के द्वारा पूर्व में हसदेव क्षेत्र में कार्यरत मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों के लिए प्रबंधन द्वारा बनाए गए अंतर राज्य पास पर हस्ताक्षर कर अनुमति दे दिया जाता रहा है जिससे कि कर्मचारी घुटरी टोला बैरियर से होते हुए अपनी ड्यूटी करते रहे लेकिन अभी एसडीएम मनेंद्रगढ़ के द्वारा उक्त पास पर साइन करने से मना कर दिया गया है और कहा गया है कि अब कर्मचारी अपने निजी वाहन से ड्यूटी नहीं कर सकेंगे।
जिला प्रशासन कोरिया के अधिकारियों के द्वारा कभी एसईसीएल के परिचय पत्र को कर्मचारियों के आने जाने के लिए मान्य कर दिया जाता है तो कभी उसे अमान्य कर दिया जाता है, कभी अंतर राज्य पास जारी किया जाता है तो कभी उसे बंद कर दिया। जिला प्रशासन कोरिया को यह भी भली-भांति ज्ञात है कि हसदेव क्षेत्र के केंद्रीय चिकित्सालय मनेंद्रगढ़ में इलाज कराने के उद्देश्य से आने जाने वालों के लिए हसदेव प्रबंधन एंबुलेंस उपलब्ध करा पाएगा या नहीं? कर्मचारियों को ड्यूटी आने जाने के लिए हसदेव प्रबंधन बस उपलब्ध करा पाएगा या नहीं, यह भी भली-भांति ज्ञात है। फिर ऐसे नियम जारी करने का उद्देश्य क्या है, समझ से परे है।
ऐसा प्रतीत होता है कि जिला प्रशासन कोरिया के अधिकारी अपने आप में ही यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि हसदेव क्षेत्र की कोयला खदानों को संचालित करने के लिए एवं कर्मचारियों के केंद्रीय चिकित्सालय मनेंद्रगढ़ में इलाज कराने के उद्देश्य से आने जाने के लिए सही व सुगम रास्ता कौन सा होगा? जिससे कि बीमार व्यक्तियों एवं कर्मचारियों को ड्यूटी करने में परेशानी ना हो और जिला प्रशासन भी सुगमता से राज्य के सीमा की सुरक्षा कर सके। जिला प्रशासन कोरिया एवं हसदेव प्रबंधन के इन नियमों के बीच सिर्फ और सिर्फ बीमार व्यक्ति और कर्मचारी ही परेशान हो रहे हैं। कहीं ऐसा ना हो कि घुटरी टोला बैरियर पर 12 मई की हुई घटना का पुनरावृति हो जाए।