भारत में लॉकडाउन के चलते आर्थिक गतिविधियां ठप हैं लेकिन आरबीआई का ध्यान लोगों को राहत दिलाने पर है
देश में कोरोना वायरस संकट के बीच आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कई बड़े ऐलान किए। आरबीआई ने रेपो रेट में कटौती की घोषणा की है। रेपो रेट में 75 बेसिस प्वाइंट की कटौती की घोषणा की गई है। इस कटौती के साथ ही रेपो रेट अब 5.15% से घटकर 4.4% हो गई है। इससे सभी तरह के कर्ज सस्ते होंगे। बता दें कि मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी के 6 में से 4 सदस्यों ने रेट कट के पक्ष में वोट किया था।इसके अलावा आरबीआई ने रिवर्स रेपो रेट में भी 0.90 फीसदी की कटौती की है और अब ये 4.90 फीसदी से घटकर 4 फीसदी हो जाएगी।प्रेस कांफ्रेंस के दौरान आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने सभी बैंकों को सलाह दी है कि वो ग्राहकों से तीन महीने के लिए ईएमआई को लेने के लिए टाल दें और माना जा सकता है कि आरबीआई की इस एडवाइजरी के चलते बैंक अपने ग्राहकों को ईएमआई के मोर्चे पर कुछ राहत दे सकते हैं, हालांकि ये साफ है कि इसको लेकर आरबीआई ने गेंद बैंकों के पाले में डाल दी है। इसके अलावा आरबीआई के गवर्नर ने कहा कि हमने फैसला लिया है कि कैश रिजर्व रेशियो में 100 बेसिस प्वाइंट की कमी कर रहे हैं, जो अब 3 फीसद होगा। यह 28 मार्च से अगले एक वर्ष के लिए प्रभावी होगा।
क्या है रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट
बैंक हमें कर्ज देते हैं और उस कर्ज पर हमें ब्याज देना पड़ता है। ठीक वैसे ही बैंकों को भी अपने रोजमर्रा के कामकाज के लिए भारी-भरकम रकम की जरूरत पड़ जाती है और वे भारतीय रिजर्व बैंक से कर्ज लेते हैं। इस ऋण पर रिजर्व बैंक जिस दर से उनसे ब्याज वसूल करता है, उसे रेपो रेट कहते हैं।रिवर्स रेपो रेट यह रेपो रेट से उलट होता है। बैंकों के पास जब दिन-भर के कामकाज के बाद बड़ी रकम बची रह जाती है, तो उस रकम को रिजर्व बैंक में रख देते हैं। इस रकम पर आरबीआई उन्हें ब्याज देता है। रिजर्व बैंक इस रकम पर जिस दर से ब्याज देता है, उसे रिवर्स रेपो रेट कहते हैं
आरबीआई की घोषणाएं
रेपो रेट में 75 बेसिस प्वाइंट की कमी की गई।
रेपो रेट 5.1 फीसद से 4.4 फीसद की गई।
रिवर्स रेपो रेट में 90 बेसिस प्वाइंट की कमी की गई।
रिवर्स रेपो रेट 90 बेसिस प्वाइंट घटाकर 4 फीसद की गई।
सभी तरह के लोन पर सभी बैंकों से तीन महीने तक-ईएमआई और ब्याज ना लेने पर रोक।
कोरोना के चलते जीडीपी पर बुरा प्रभाव पड़ेगा।
आरबीआई ने बैंकों से ऋण देने को बढ़ावा देने को कहा है।
कच्चे तेल के दामों में कमी से हमें मंहगाई पर काबू पाने में मदद मिलेगी।
आने वाले दिनों में खाने-पीने की चीजों में कमी आएगी।
सभी बैंकों के सीआरआर में 100 बेसिस पॉइंट की कटौती।
आरबीआई के उपायों से मार्केट में 3.7 लाख करोड़ की लिक्विडिटी आएगी।