कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया


मध्य प्रदेश के बड़े नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ली. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की मौजूदगी में सिंधिया ने पार्टी का दामन थामा और उन्होंने कांग्रेस छोड़ने के कारण भी बताए. ज्योतिरादित्य ने बताया कि कांग्रेस अब पहले की तरह की पार्टी नहीं रही है,ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि 2018 में हम एक सपना लेकर आए थे, लेकिन उन सपनों को पूरा नहीं किया गया. मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार ने वादे पूरे नहीं किए हैं. मध्य प्रदेश में किसान और नौजवानों के बेबस होने की बात कही. उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश में रोजगार कम हुआ और करप्शन भी बढ़ा है.  ज्योतिरादित्य सिंधिया नेयह भी  कहा कि मेरे जीवन में दो तारीखें बहुत महत्वपूर्ण है. एक 30 सितंबर 2001 जब मैं अपने पिता को खोया और  दूसरा 10 मार्च 2020 जब मेरे जीवन का नया दौर शुरू हुआ है कांग्रेस में रहकर जनसेवा नहीं हो सकती है.वहीं इस मौके पर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि आज हमारे लिए बहुत खुशी का विषय है. इस दौरान नड्डा ने बीजेपी की नेता स्वर्गीय राजमाता सिंधिया को भी याद किया. बता दें, जनसंघ और बीजेपी की स्थापना और विचारधारा के प्रचार प्रसार में इस परिवार का बड़ा योगदान है,कांग्रेस में रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आधिकारिक तौर पर बीजेपी की की सदस्यता ले ली है. उन्होंने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा की मौजूदगी में भगवा पताका  पहना.ज्योतिरादित्य सिंधिया के शामिल होने पर शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कमलनाथ सरकार ने राज्य में कुछ काम नहीं किया है और भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया है। शिवराज ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी में महाराज और शिवराज एक हैं।
बीजेपी में शामिल होते ही कुछ घंटों में पार्टी ने  राज्‍यसभा उम्‍मीदवार बनाया 
कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया को बीजेपी ने इनाम दिया. बुधवार को  बीजेपी में शामिल हुए और कुछ ही घंटों में पार्टी ने उन्‍हें अपना राज्‍यसभा उम्‍मीदवार बना दिया. बीजेपी ने अभी सिर्फ सिंधिया का नाम ही घोषित किया है. दूसरे उम्‍मीदवार का नाम घोषित किया जाना बाकी है


बीजेपी ने किया 11 उम्मीदवारों का ऐलान


भुवनेश्वर कालीता(असम),विवेक ठाकुर(बिहार),अभय भारद्वाज (गुजरात),रमीलाबेन बारा(गुजरात),दीपक प्रकाश(झारखंड),लिएसेंबा महाराजा(मणिपुर),ज्योतिरादित्य सिंधिया(मध्य प्रदेश),उदयना राजे भोंसले (महाराष्ट्र),राजेंद्र गहलोत(राजस्थान),रामदास आठवले (आरपीआई)(महाराष्ट्र),बुस्वजीत डाइमरी (बीपीएफ) (असम)


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