'तीसरे देश' के आतंकियों पर रोक लगाने में नेपाल करेगा भारत की मदद

 


नई दिल्ली| सीमा के पार आतंकवादी गतिविधियों से निपटने के भारत के प्रयास में तेजी के तहत नेपाल के अर्द्धसैनिक बल ने अपने सीमा क्षेत्र में 'तीसरे देश के संदिग्धों पर अंकुश लगाने में सहयोग का आश्वासन दिया है। सशस्त्र सीमा बल और उसके नेपाली समकक्ष एपीएफ के बीच 20-22 नवंबर को नेपाल में चौथी भारत नेपाल समन्वय बैठक में इस ऐतिहासिक फैसले पर हस्ताक्षर किये गये। 


भारतीय पक्ष की अगुवाई एसएसबी के महानिदेशक कुमार राजेश चंद्र और नेपाल के सशस्त्र पुलिस बल की टीम की अगुवाई उसके महानिरीक्षक शैलेंद्र खनल ने की। दोनों देशों के सीमा प्रहरी बलों के बीच हथियारों की तस्करी, जाली नोट, मादक पदार्थ, अन्य आपराधिक गतिविधियों और राष्ट्र विरोधी तत्वों एवं आतंकवादियों जैसे परस्पर चिंता के मुद्दों के निपटने के लिए हर साल बातचीत होती रहती है।


एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ''यह पहली बार है कि दोनों पक्षों के बीच चर्चा के हस्ताक्षरित रिकार्ड में तीसरे देश के तत्वों का विशेष उल्लेख है। नेपाल ने अपना सहयोग बढ़ाया है और वह भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को किसी इन दोनों देशों के अलावा तीसरे देशों के उन नागरिकों के खिलाफ कार्रवाई में मदद करने पर राजी हो गया है जो भारत के खिलाफ नेपाल की सरजमीं का इस्तेमाल करते हैं।"


उन्होंने कहा, ''यह एक ऐतिहासिक घटना है।" उन्होंने कहा कि भारतीय पक्ष ने नेपाल को ऐसा ही आश्वासन दिया है। अतीत में भारत और नेपाल के बीच 1,751 किलोमीटर की लंबी सीमा का पाकिस्तानी तत्वों और आतंकवादियों द्वारा नापाक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए इस्तेमाल करने की खबरे आती रही हैं। कई ऐसे लोगों को भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने पकड़ा है।


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