शिक्षक को पांच साल की सजा और दस हजार रुपए जुर्माना


भिंड भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम विशेष न्यायाधीश जितेन्द्र कुमार बजौलिया के न्यायालय ने रिश्वत मांगने वाले  आरोपित शिक्षक (बाबू) सतेन्द्र सुमन पुत्र रामसिया सुमन निवासी जौधापुरा थाना मेंहगांव को 5 साल की सजा सुनाने के साथ 10 हजार रुपए का जुर्माना किया है। जानकारी के अनुसार  अशोक सिंह कड़ेरे पुत्र छोटेलाल कड़ेरे निवासी कछपुरा अटेर की पत्नी श्रीकृष्ण दुग्ध डेयरी स्व सहायता समूह चलाती थी। मार्च 2014 माह में जनपद अटेर से इनके समूह को मध्यान्ह भोजन बनाने वाले रसोईयों के लिए 55 हजार रुपए की राशि मिली थी। अटेर जनपद में पदस्थ शिक्षक बाबू सतेंद्र सुमन श्री कड़ेरे से 55 हजार रुपए में से आधे 22 हजार 500 मांगे। हिस्सा नहीं मिलने पर बाबू ने समूह को मध्यान्ह भोजन के लिए दिया जाने वाले टोकन रोक रखे थे।इस पर फरयादी  श्री कड़ेरे ने 2 अप्रैल 2014 को लोकायुक्त पुलिस को शिकायत की गई। आरोपी ने आवेदक को रिश्वत राशि की 10 हजार रुपए की पहली किस्त लेकर 4 अप्रैल 14 को बुलाया। जिसे लेते ही लोकायुक्त टीम ने आरोपी को रंगे हाथों पकड़ कर उसके कब्जे से चारपाई पर बिछे विस्तर के एक कोने से एक-एक हजार के दस नोट कुल दस हजार रुपए जब्त कर कार्रवाई की। प्रकरण में अभियोजन की ओर से समस्त मौखिक दस्तावेजी एवं वैज्ञानिक साक्ष्य विशेष लोक अभियोजक अमोल सिंह तोमर द्वारा प्रस्तुत की गई, जिसपर विश्वास करते हुए विशेष न्यायाधीश ने आरोपित सतेन्द्र सुमन को धारा 7,13(2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत पांच-पांच साल के सश्रम कारावास एवं दस-दस हजार रुपए का जुर्माना किया है।


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