स्कूल के पास मिला सेना का बम, किसान ने फेका तालाब में

सागर. शहर के समीप फाेरलेन से लगे चिताैरा गांव में गुरुवार काे 70-80 साल पुराना एक शक्तिशाली बम मिला। यहां की सरस्वती शिशु मंदिर से करीब 200 फीट दूर तालाब के समीप मिला यह बम सेना का बताया जा रहा है।बीडीएस टीम ने इसे विस्फाेटक के जरिए निष्क्रिय कर दिया है। जिस किसान काे यह बम मिला वह उसके खतरे से अनभिज्ञ था और इसे कबाड़ी काे बेचने के लिए घर में रखे हुए था। जब कबाड़ी ने इसे खरीदने से इंकार कर दिया तब वह उसे पास के छाेटे तालाब में फेंक आया। चिताैरा निवासी वैशाखी बंसल काे बम मिला ताे उसे वह धातु की काेई वस्तु जानकर उसे अपने घर ले आया। घर में कई दिनाें से इस खतरे काे रखे हुए था। उसने इसे बेचने के लिए जब एक कबाड़ी काे बुलाया ताे उसने इसे बम बताकर खरीदने से इंकार कर दिया और वहां से भाग निकला। इसके बाद बंसल उसे पास के तालाब में फेंक आया। गांव के लाेगाें तक जब यह खबर फैली ताे उन्हाेंने सुरखी पुलिस काे खबर दी।
पुलिस कप्तान अमित सांघी ने सेना के अफसराें से बात की। उनकी सहमति के बाद बीडीएस की टीम बुलवाकर बम काे निष्क्रिय करने की कार्रवाई शुरू की गई। दाेपहर 3 बजे बम काे सुरक्षित स्थान पर विस्फाेटक के जरिए नष्ट कर दिया गया। चिताैरा में पहले भी इस तरह के बम मिल चुके हैं। सेना की फायरिंग रेंज से लगे क्षेत्र से लाेग बम काे धातु समझकर ले जाते हैं। इसी स्थान पर एक बार पहले भी बम मिला था।
22 किलाे वजनी, 1 किमी से ज्यादा मारक क्षमता : सुरखी थाना प्रभारी जेपी ठाकुर ने बताया कि सेना का यह बम अंग्रेजाें के जमाने का था, जाे कि जमीन की खुदाई में मिला था। 22 किलाे वजनी इस बम की मारक क्षमता 1 किमी एरिया से ज्यादा बताई जा रही है। बम 70-80 साल पुराना है। बीडीएस की टीम में विनय तिवारी, रामसागर, हेमंत त्रिपाठी शामिल थे। 


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