शपथ लेते ही एक्‍शन में येडियुरप्‍पा, चंद मिनटों में की ये घोषणाएं

बीएस येडियुरप्पा चौथी बार कर्नाटक के मुख्यमंत्री बने मुख्‍यमंत्री पद संभालते ही येडियुरप्‍पा ने ताबड़तोड़ कई फैसले किए. उन्‍होंने किसान सम्‍मान निधि के तहत दी जाने वाली 6 हजार रुपये वार्षिक में से 2-2 हजार की दो किश्‍ते जल्‍द देने की घोषणा की है.



बीएस येडियुरप्पा चौथी बार कर्नाटक के मुख्यमंत्री बन चुके हैं. राजभवन में शुक्रवार शाम को राज्यपाल वजुभाई वाला ने येडियुरप्पा को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. येडियुरप्‍पा सरकार सोमवार सुबह 10:00 बजे अपना बहुमत साबित करेगी.
मुख्‍यमंत्री पद संभालते ही येडियुरप्‍पा ने ताबड़तोड़ कई फैसले किए. उन्‍होंने किसान सम्‍मान निधि के तहत दी जाने वाली 6 हजार रुपये वार्षिक में से 2-2 हजार की दो किश्‍ते जल्‍द देने की घोषणा की है. इसके साथ ही उन्‍होंने बुनकरों का लोन माफ करने की भी घोषणा की.
शपथ ग्रहण के बाद येडियुरप्‍पा ने कहा कि आने वाले दिनों में वे राज्‍य की तरक्‍की के लिए प्रशासन की व्‍यवस्‍था का एक नया खाका खीचेंगे. पिछले 14 महीने में तैयार किया गया प्रशासनिक ढांचा अब टूट चुका है. इसके साथ ही उन्‍होंने कहा कि वे बदले की राजनीति नहीं करेंगे.
येडियुरप्‍पा ने कहा, 'मैं विपक्ष को दोस्‍त मानता हूं. इसलिए अगर मेरा काम अच्‍छा न लगे तो वे मेरी आलोचना कर सकते हैं. क्षमा करना और भूल जाना मेरा मकसद है. हम अपने कार्यकाल में किसानों पर विशेष ध्‍यान देंगे.शपथ से पहले दिया ये आदेश
हालांकि मुख्‍यमंत्री पद की शपथ लेने से पहले ही येडियुरप्‍पा के एक आदेश ने सरकारी महकमे में खलबली मचा दी है. दरअसल, मुख्‍य सचिव ने सभी उपसचिवों को पत्र लिखकर कुमारस्‍वामी द्वारा जुलाई में दिए गए सभी आदेशों को रोकने की हिदायत दी है.
येडियुरप्‍पा ने  शपथ तो  ले ली है, लेकिन उन्‍हें अभी विधानसभा में बहुमत साबित करना होगा. फिलहाल देखा जाए तो बीजेपी के पक्ष में ज्यादा विधायक हैं. लेकिन स्पीकर केआर रमेश ने अभी भी पेंच फंसा रखा है. उन्होंने गुरुवार को कांग्रेस के तीन विधायकों को दलबदल कानून के तहत अयोग्य घोषित कर दिया है. ये तीनों अब अगले विधानसभा चुनाव तक यानी साल 2023 से पहले चुनाव नहीं लड़ सकते. अगर स्पीकर बाक़ी बचे विधायकों को डिसक्वालीफाई नहीं करते हैं तो फिर बहुमत साबित करने के लिए 110 या 111 सदस्यों की जरूरत पड़ेगी. ऐसे में बीजेपी के लिए बहुमत साबित करना आसान नहीं होगा.
बीजेपी के लिए मंत्रिमंडल तैयार करना मुश्किल चुनौती होगी. 34 विधायकों को कैबिनेट में जगह मिल सकती है. इन पदों के लिए बीजेपी में करीब 60 दावेदार हैं. इसके अलावा 10 बागी विधायकों को भी मंत्रिमंडल में शामिल करना होगा. ऐसे में पार्टी के कई सीनियर नेता नाराज हो सकते हैं.