महिला पंच के विरोध करने पर लोक सेवक की जबान फिसली तो, आदिवासी महिला ने उठा ली चप्पल
म. प्र./अनूपपुर। भ्रष्टाचार और घोटालों के लिए सुर्खियों में रहने वाली अनूपपुर जिले की सीमा पर स्थित ग्राम पंचायत बरगवां निरंतर अखबारों व शिकायतों के लेकर एक बार फिर चर्चा में हैं लेकिन भैंस के आगे वीणा बाजे , चोरी ओर सीना जोरी , चोरी ओर सीना जोरी, जब सैय्या भये कोतवाल तो डर कहे का जैसे कहवात भी शर्मशार है दरअसल ग्रामपंचायत बरगवा के वार्ड 10 में नाली का निर्माण मनरेगा के पंच परेमश्वर मद के जिस मस्टर रोल व खाते में मजदूरी भुगतान द्वारा पंचायत को खुद कराया जाना था वहीं काम स्वयं न कराकर सरपंच व प्रभारी सचिव द्वारा नियम विरूद्ध शहडोल जिले के धनपुरी में रहने वाले कुर्बान नामक ठेकेदार को ठेके पर देकर करवाया जा रहा था, जिसमें शहडोल जिले के ग्रामों से दर्जनों मजदूर यहां काम पर लगा रखे थे, जिस वार्ड में कार्य चल रहा था, वहां की महिला पंच सहित अन्य आदिवासी मजदूर, गांव के अन्य पंच, उपसरपंच व जनपद सदस्य ने मामला जनपद व जिला पंचायत के संज्ञान में लाया। जिला पंचायत सीईओ सरोधन सिंह के आदेश पर जनपद सीईओ इमरान सिद्धीकी एवं एपीओ अनुराग निगम जांच करने मौके पर पहुंचे, पंचों व अन्य आदिवासी महिला मजदूरों ने सीईओ को पूरी व्यथा सुनाई, इस दौरान ग्राम के प्रभारी सचिव राजेन्द्र साहू आदिवासी महिलाओ से चर्चा के दौरान अपनी जबान से फिसल गये और महिलाएं भड़क गई, जनपद सीईओ के सामने आदिवासी महिलाओं ने चप्पल उतारकर अपने अपमान का बदला लेना चाहा, लेकिन सीईओ की तत्परता से मारपीट होते-होते बच गई, अंत में प्रभारी सचिव ने महिलाओं से माफी भी मांगी। वहीं संभागायुक्त ने मामले को संज्ञान में लेते हुए कारवाही के लिए बात कहीं।