पिपरिया के सरपंच-उपसरपंच पंचायत निर्वाचन में 6 वर्ष के लिए आयोग्य घोषित

मप्र/अनूपपुर । जनपद पंचायत जैतहरी अंतर्गत ग्राम पंचायत पिपरिया की सरपंच जुगन्ती बाई व उपसरपंच मोहित प्रसाद पटेल के विरूद्व भूतपूर्व यूथ कांगे्रस विधानसभा अध्यक्ष उत्तम पटेल द्वारा शिकायत की थी कि सरपंच और उपसरपंच द्वारा पंच परमेश्वर मद की राशि का दुरूपयोग, मजदूरो से कार्य न कराकर जेसीबी मशीन से कार्य कराए जाने, आंगनबाडी भवन निर्माण के लिए बालबाडी भवन को तोड देने व सामग्री का दुरूपयोग करने के साथ ही हाईटेंशन वायर के नीच आंगनबाडी भवन का निर्माण करा दिए जाने तथा पंचायत अंतर्गत ग्राम सिकटहा से झुरहा मार्ग का निर्माण वर्ष 2013-14 में राष्ट्रीय रोजगार गारंटी मद से स्वीकृत हो चुका था और कार्य प्रगति पर था जिसकी मजदूरी का भुगतान 66 हजार रूपए हो चुका था, इसके पश्चात उसी कार्य हेतु जनभागीदारी मद से राशि स्वीकृत करा कर उसका दुरूपयोग किए जाने जैसे मामलो की शिकायत की गई थी, जांच में शिकायत सत्य पाई गई थी, मामले में सरपंच और उपसरपंच द्वारा कलेक्टर न्यायालय ने फैसला देते हुए सरपंच और उपसरपंच को 6 वर्ष के लिए पंचायत निर्वाचन के लिए अयोग्य घोषित कर दिया है।


पांच सदस्यीय टीम ने की थी जांच


पूरे मामले में प्रस्तुत शिकायत की जांच हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद जैतहरी ने एपीओ अरविंद सिंह के नेतृत्व में पांच सदस्यी जांच दल गठित करते हुए जांच हेतु कार्यालय पत्र क्रमांक-1664 दिनांक 26 सितम्बर 2015 जारी किया गया था। जहां सीईओ जैतहरी द्वारा दिए गए आदेश के परिपालन में जांच दल द्वारा दिए गए जांच प्रतिवेदन को प्रस्तुत किया। जिसके बाद कार्यवाही व निराकरण हेतु अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को प्रेषित किया गया। जिसके बाद एसडीएम ने कारण बताओं नोटिस जारी किया था। अपीलार्थीगण के तर्क सुनने तथा आलोच्य आदेश पारित कर म.प्र. पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 2993 की धारा-40 के अंतर्गत 6 वर्ष की कालावधि के लिए पंचायत निर्वाचन के लिए अयोग्य घोषित किया गया। जिसके बाद अपीलाथीगण द्वारा अपील में यह आरोपित किया गया कि अधीनस्त न्यायालय ने उन्हे सुनवाई का पर्याप्त अवसर नही दिया गया है, फलस्वरूप प्रकरण में अपीलाथीगण को जांचकर्ता अधिकारी के कथम एवं प्रतिपरीक्षण का अवसर प्रदान किया गया। जिसके बाद अधीनस्त न्यायालय द्वारा अपीलार्थी गण के विरूद्व प्राप्त शिकायत व प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन के आधार पर पारित आदेश द्वारा निष्कर्म निकाला एवं की गई कार्यवाही में तथ्य प्रमाणित पाया कि अपीलार्थीगण ने पदीय दायित्वो के निर्वहन में अनियमितता की गई है, फलस्वरूप ही अधीनस्त न्यायालय ने उन्हे 6 वर्ष की कालावधि के लिए पंचायत निर्वाचन हेतु अयोग्य घोषित किया गया है, जिस यथावत रखे जाने योग्य पाया गया।


 


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